याद मिटती है न मंजर कोई मिट सकता है

याद मिटती है न मंजर कोई मिट सकता है

याद मिटती है न मंजर कोई मिट सकता है
दूर जाकर भी तुम अपने को यहीं पाओगी !!


Yaad mitati hai na manzar koi mit sakta hai
Door jaakar bhi tum apne aap ko yahan paaogi