मोहब्बत होती तो फासलों में भी कम नही होती

मोहब्बत होती तो फासलों में भी कम नही होती

मोहब्बत होती तो फासलों में भी कम नही होती
ज़रूरत थी सिर्फ जो पूरी हो गयी तो वजह क्या रह गयी


Mohabbat hotee to phaasalon mein bhee kam nahee hotee
Zaroorat thee sirph jo pooree ho gayee to vajah kya rah gayee