मोहब्बत है किसी को यूँ ये भी तो महज वहम है

मोहब्बत है किसी को यूँ ये भी तो महज वहम है

मोहब्बत है किसी को यूँ ये भी तो महज वहम है

मोहब्बत है किसी को,यूँ ये भी तो,महज वहम है ,
मगर पहले कबूल करेगा वो ही,ये कैसा अहम् है !!


Mohabbat hai kisee ko,yoon ye bhee to,mahaj vaham hai ,
Magar pahale kabool karega vo hee,ye kaisa aham hai !!