मोहब्बत भी तो एक तरह की सियासत ही होती है

मोहब्बत भी तो एक तरह की सियासत ही होती है

मोहब्बत भी तो एक तरह की सियासत ही होती है,
जीते तो बादशाही और हारे तो क़ैद-ए-तन्हाई..


Mohabbat bhee to ek tarah kee siyaasat hee hotee hai,
Jeete to baadashaahee aur haare to qaid-e-tanhaee..