मोहब्बत के रास्ते कितने भी मखमली क्यो ना हो

मोहब्बत के रास्ते कितने भी मखमली क्यो ना हो

मोहब्बत के रास्ते कितने भी मखमली क्यो ना हो

मोहब्बत के रास्ते कितने भी मखमली क्यो ना हो,
खत्म तो तन्हाई के खंड़हरो में ही होते है


Mohabbat ke raaste kitane bhee makhamalee kyo na ho,
Khatm to tanhaee ke khandaharo mein hee hote hai