मोहब्बत की बर्बादी का क्या अफसाना था

मोहब्बत की बर्बादी का क्या अफसाना था

मोहब्बत की बर्बादी का क्या अफसाना था,
"दिल के टुकडे हो गये और लोगों ने कहा वाह
क्या निशाना था".


Mohabbat kee barbaadee ka kya aphasaana tha,
"dil ke tukade ho gaye aur logon ne kaha vaah
Kya nishaana tha".