मैं मधुमक्खी तुम मेरा छत्ता,

मैं मधुमक्खी तुम मेरा छत्ता,

मैं मधुमक्खी तुम मेरा छत्ता,
बैठ सका न अब तक अलबत्ता,
मुंबई का मैं हूँ निवासी सुनो
शायद तुम रहती हो कलकत्ता.
धीरेन्द्र सिंह


Main madhumakkhee tum mera chhatta,
Baith saka na ab tak alabatta,
Mumbee ka main hoon nivaasee suno
Shaayad tum rahatee ho kalakatta.
Dheerendr sinh