मैं न अन्दर से समंदर हूँ न बाहर आसमान Admin / Sep 13, 2021 मैं न अन्दर से समंदर हूँ न बाहर आसमान मैं न अन्दर से समंदर हूँ न बाहर आसमान, बस मुझे उतना समझ जितना नजर आता हूँ मैं। Main Na Andar Se Samandar Hoon Na Baahar Se Aasmaan, Bas Mujhe Utna Samajh Jitna Najar Aata Hoon Main. Shayari Attitude Shayari