मैं अपनी सुबह शाम यूँ ही गुजार लेता हूँ

मैं अपनी सुबह शाम यूँ ही गुजार लेता हूँ

मैं अपनी सुबह शाम यूँ ही गुजार लेता हूँ.
जो भी ज़ख्म मिलते हैं कागज़ पे उतार लेता हूँ...!!


Main apanee subah shaam yoon hee gujaar leta hoon.
Jo bhee zakhm milate hain kaagaz pe utaar leta hoon...!!