मेरी वफ़ा का तुझे क्यों नहीं यकीं होता

मेरी वफ़ा का तुझे क्यों नहीं यकीं होता

मेरी वफ़ा का तुझे क्यों नहीं यकीं होता... !
हर एक ऊँगली का कद एक सा नहीं होता... !


Meree vafa ka tujhe kyon nahin yakeen hota... !
Har ek oongalee ka kad ek sa nahin hota... !