मेरी नाराज़गी का कोई वजूद नहीं है किसी के लिए

मेरी नाराज़गी का कोई वजूद नहीं है किसी के लिए

मेरी नाराज़गी का कोई वजूद नहीं है किसी के लिए,
मुझ जैसे लोग अक्सर यूँ ही भुला दिए जाते हैं कभी-कभी,


Meree naaraazagee ka koee vajood nahin hai kisee ke lie,
Mujh jaise log aksar yoon hee bhula die jaate hain kabhee-kabhee,