मुमकिन नहीं है हर रोज मोहब्बत के नए किस्से लिखना

मुमकिन नहीं है हर रोज मोहब्बत के नए किस्से लिखना

मुमकिन नहीं है हर रोज मोहब्बत के नए किस्से लिखना

मुमकिन नहीं है हर रोज मोहब्बत के नए किस्से लिखना,
मेरे दोस्तों अब मेरे बिना अपनी महफ़िल सजाना सीख लो।


Mumakin nahin hai har roj mohabbat ke nae kisse likhana,
Mere doston ab mere bina apanee mahafil sajaana seekh lo.