मुझे सलीका ना सिखा बगीचे की बागवानी का

मुझे सलीका ना सिखा बगीचे की बागवानी का

मुझे सलीका ना सिखा,बगीचे की बागवानी का,
फूल हों या फिर काटें, इश्क बराबर करता हूँ मैं..!!


Mujhe saleeka na sikha,bageeche kee baagavaanee ka,
Phool hon ya phir kaaten, ishk baraabar karata hoon main..!!