मुझे ना तन चाहिए ना धन चाहिए

मुझे ना तन चाहिए ना धन चाहिए

मुझे ना तन चाहिए, ना धन चाहिए
बस अमन से भरा यह वतन चाहिए
जब तक जिन्दा रहूं, इस मातृभूमि के लिए
और जब मरुँ तो तिरंगा कफ़न चाहिये


Mujhe na tan chaahie, na dhan chaahie
Bas aman se bhara yah vatan chaahie
Jab tak jinda rahoon, is maatrbhoomi ke lie
Aur jab marun to tiranga kafan chaahiye