मिली जो मंजिल तो कारवां भी बड़ा लग रहा था

मिली जो मंजिल तो कारवां भी बड़ा लग रहा था

मिली जो मंजिल तो कारवां भी बड़ा लग रहा था,
वरना सफ़र में हर शख्स मुझे ठग रहा था,
यूँ ही नहीं पहुंचा हूँ आज मैं इस मुकाम पर
जब सो रहा था ये ‘जग’ तब मैं ‘जग’ रहा था।


Milee jo manjil to kaaravaan bhee bada lag raha tha,
Varana safar mein har shakhs mujhe thag raha tha,
Yoon hee nahin pahuncha hoon aaj main is mukaam par
Jab so raha tha ye ‘jag’ tab main ‘jag’ raha tha.