माना कि हम छप ना पाए पुस्तक या अख़बारों में

माना कि हम छप ना पाए पुस्तक या अख़बारों में

माना कि हम छप ना पाए पुस्तक या अख़बारों में
लेकिन ये क्या कम है अपनी गिनती है खुद्दारों में


Maana ki ham chhap na pae pustak ya akhabaaron mein
Lekin ye kya kam hai apanee ginatee hai khuddaaron mein