मनुष्य न तो मौसम है और न ही तापमान

मनुष्य न तो मौसम है और न ही तापमान

मनुष्य न तो मौसम है और न ही तापमान,
फिर भी न जाने क्यों बदल जाता है...


Manushy na to mausam hai aur na hee taapamaan,
Phir bhee na jaane kyon badal jaata hai...