मजहबी इबारतें आती नहीँ मुझको

मजहबी इबारतें आती नहीँ मुझको

मजहबी इबारतें आती नहीँ मुझको...
आज भी इंसानीयत ही मेरा खुदा हुआ है...!!


Mazhabi ibaarte aati nahi mujhko,
Aaj bhi insaaniyat hi mera khuda hua hai !!