मंज़िलों के ग़म में रोने से मंज़िलें नहीं मिलती

मंज़िलों के ग़म में रोने से मंज़िलें नहीं मिलती

मंज़िलों के ग़म में रोने से मंज़िलें नहीं मिलती,
हौंसले भी टूट जाते हैं अक्सर उदास रहने से।


Manzilon Ke Gham Mein Rone Se Manzilein Nahi Milti,
Haunsle Bhi Toot Jate Hain Aksar Udaas Rehne Se.