मंजिल तो मिल ही जाएगी, भटक के ही सही

मंजिल तो मिल ही जाएगी, भटक के ही सही

मंजिल तो मिल ही जाएगी, भटक के ही सही,
गुमराह तो वो हैं जो घर से निकले ही नहीं।


Manzil Toh Mil Hi Jayegi Bhatak Ke Hi Sahi,
Gumraah Toh Woh Hain Jo Ghar Se Nikle Hi Nahi.