मंज़िलें पाँव पकड़ती हैं ठहरने के लिए

मंज़िलें पाँव पकड़ती हैं ठहरने के लिए

मंज़िलें पाँव पकड़ती हैं ठहरने के लिए

शौक़ कहता है कि दो चार क़दम और सही.....


Manzilen paanv pakadatee hain thaharane ke lie

Shauq kahata hai ki do chaar qadam aur sahee.....