मंज़िल जुदा राहें जुदा फिर भी जुदा नहीं Admin / Jan 31, 2022 मंज़िल जुदा राहें जुदा फिर भी जुदा नहीं मंज़िल जुदा, राहें जुदा, फिर भी जुदा नहीं, वो चला गया पर क्यों, मैं उससे ख़फा नहीं । Manzil juda, raahen juda, phir bhee juda nahin, Vo chala gaya par kyon, main usase khapha nahin . Shayari Emotional Shayari Manzil Shayari