भला जब्त की भी कोई इन्तिहा है

भला जब्त की भी कोई इन्तिहा है

भला जब्त की भी कोई इन्तिहा है
कहाँ तक तबिअत को अपनी संभाले !!


Bhala jabat ki bhi koi intiha hai
Kahan tak tabiyat ko apni sambhale