भरी सख्ती मिजाज़ों में नहीं पैदायशी यूँ हम

भरी सख्ती मिजाज़ों में नहीं पैदायशी यूँ हम

भरी सख्ती मिजाज़ों में नहीं पैदायशी यूँ हम

भरी सख्ती मिजाज़ों में, नहीं पैदायशी यूँ हम .....
किसी की बेरूखी झेली, पिघल के फिर जमे हैं हम


Bharee sakhtee mijaazon mein, nahin paidaayashee yoon ham .....
Kisee kee berookhee jhelee, pighal ke phir jame hain ham