बैठ कर सोचते हैं अब कि क्या खोया क्या पाया

बैठ कर सोचते हैं अब कि क्या खोया क्या पाया

बैठ कर सोचते हैं अब कि क्या खोया क्या पाया,
उनकी नफरत ने तोड़े बहुत मेरी वफ़ा के घर !!


Baith Kar Sochte Hain Ab Ke Kya Khoya Kya Paya,
Unki Nafrat Ne Tode Bahut Meri Wafa Ke Ghar.