बेगुनाह कोई नहीं, सबके राज़ होते हैं

बेगुनाह कोई नहीं, सबके राज़ होते हैं

बेगुनाह कोई नहीं, सबके राज़ होते हैं..
किसी के छुप जाते हैं, किसी के छप जाते हैं..।


Begunaah koee nahin, sabake raaz hote hain..
Kisee ke chhup jaate hain, kisee ke chhap jaate hain...