बूँदें जैसे छूती है प्यासी रेत को

बूँदें जैसे छूती है प्यासी रेत को

बूँदें जैसे छूती है प्यासी रेत को
तुम यूँ ही आँखों को छूकर गुज़र जाओ, काफी होगा


Boonden jaise chhootee hai pyaasee ret ko
Tum yoon hee aankhon ko chhookar guzar jao, kaaphee hoga