बस एक माफ़ी तौबा कभी जो इससे सताए तुम को

बस एक माफ़ी तौबा कभी जो इससे सताए तुम को

बस एक माफ़ी तौबा कभी जो इससे सताए तुम को
हाथ जोड़ें या कान पकड़ें अब और कैसे मनाये तुमको
तुम्हारे आते ही इस नगर से हमें तानाफत सी हो गई
में शरारत भी कैसे सह लूँ के छेड़ रही हैं हवाएँ भी तुमको।


Bas Ek Maafi Tauba Kabhi Jo Isse Satae Tum Ko
Haath Joden Ya Kaan Pakaden Ab Aur Kaise Manaye Tumako
Tumhaare Aate Hi Is Nagar Se Hamen Taanaafat Si Ho Gai
Mein Shararat Bhi Kaise Sah Lun Ke Chhed Rahi Hain Havaen Bhi Tumko.