फूलों को मैं बिछाऊं कहां है मेरी बिसात

फूलों को मैं बिछाऊं कहां है मेरी बिसात

फूलों को मैं बिछाऊं कहां है मेरी बिसात

फूलों को मैं बिछाऊं, कहां है मेरी बिसात,
कांटे उठा लिए हैं मगर मैने तेरी राह के...!


Phoolon ko main bichhaoon, kahaan hai meree bisaat,
Kaante utha lie hain magar maine teree raah ke...!