फुर्सत मिले जब भी तो रंजिशे भुला देना

फुर्सत मिले जब भी तो रंजिशे भुला देना

फुर्सत मिले जब भी तो रंजिशे भुला देना,
कौन जाने साँसों की मोहलतें कहाँ तक हैं।


Fursat Mile Jab Bhi Toh Ranjishen Bhula Dena,
Kaun Jaane Saanso Ki Mohlatein Kahan Tak Hain.