फिर नए साल की सरहद पे खड़े हैं हम लोग

फिर नए साल की सरहद पे खड़े हैं हम लोग

फिर नए साल की सरहद पे खड़े हैं हम लोग
राख हो जाएगा ये साल भी हैरत कैसी


Phir nae saal kee sarahad pe khade hain ham log
Raakh ho jaega ye saal bhee hairat kaisee