फितरत है गुलों जैसी, हर हाल में महकूँगी

फितरत है गुलों जैसी, हर हाल में महकूँगी

फितरत है गुलों जैसी, हर हाल में महकूँगी...
अर्थी पे सजा दो या मंदिर में चढ़ा देना...!!


Phitarat hai gulon jaisee, har haal mein mahakoongee...
Arthee pe saja do ya mandir mein chadha dena...!!