फ़ासले ऐसे भी होंगे ये कभी सोचा न था

फ़ासले ऐसे भी होंगे ये कभी सोचा न था

फ़ासले ऐसे भी होंगे, ये कभी सोचा न था,
सामने बैठा था मेरे, और वो मेरा न था ।


Faasale aise bhee honge, ye kabhee socha na tha,
Saamane baitha tha mere, aur vo mera na tha .