प्यास दिल की बुझाने कभी आया भी नहीं

प्यास दिल की बुझाने कभी आया भी नहीं

प्यास दिल की बुझाने कभी आया भी नहीं,
कैसा बादल है जिसका कोई साया भी नहीं,
बेरुख़ी इस से बड़ी और भला क्या होगी,
एक मुद्दत से हमें उस ने सताया भी नहीं।


Pyaas Dil Ki Bujhaane Kabhi Aaya Bhi Nahi,
Kaisa Baadal Hai Jiska Koi Saya Bhi Nahi,
Berukhi Iss Se Badi Aur Bhala Kya Hogi,
Ek Muddat Se Humein Uss Ne Sataya Bhi Nahi.