पुकारते हैं उन्हें साहिलों के सन्नाटे

पुकारते हैं उन्हें साहिलों के सन्नाटे

पुकारते हैं उन्हें साहिलों के सन्नाटे

पुकारते हैं उन्हें, साहिलों के सन्नाटे;
जो लोग डूब गए, कश्तियाँ बनाते हुए!


Pukaarate hain unhen, saahilon ke sannaate;
Jo log doob gae, kashtiyaan banaate hue!