पल दिन मास वर्ष दशक फिर उम्र गुजर जाती है

पल दिन मास वर्ष दशक फिर उम्र गुजर जाती है

पल, दिन, मास, वर्ष, दशक फिर उम्र गुजर जाती है...
क्यों नही बनती ऐसी घड़ी जो कहने से रुक पाती है...!!


Pal, din, maas, varsh, dashak phir umr gujar jaatee hai...
Kyon nahee banatee aisee ghadee jo kahane se ruk paatee hai...!!