पंख लगा के भी उड़ नही सकती मेरी चिठ्ठी

पंख लगा के भी उड़ नही सकती मेरी चिठ्ठी

पंख लगा के भी उड़ नही सकती मेरी चिठ्ठी.
अल्फ़ाज़ और एहसास दोनो भारी है इसमें...


Pankh laga ke bhee ud nahee sakatee meree chiththee.
Alfaaz aur ehasaas dono bhaaree hai isamen...