नज़र नवाज़ नजारों में जी नहीं लगता

नज़र नवाज़ नजारों में जी नहीं लगता

नज़र नवाज़ नजारों में जी नहीं लगता,
फ़िज़ा गई तो बहारों में जी नहीं लगता,
न पूछ मुझसे तेरे ग़म में क्या गुजरती है,
यही कहूंगा हजारों में जी नहीं लगता।


Nazar navaaz najaaron mein jee nahin lagata,
Fiza gaee to bahaaron mein jee nahin lagata,
Na poochh mujhase tere gam mein kya gujaratee hai,
Yahee kahoonga hajaaron mein jee nahin lagata.