निकले थे इसी आस पे कि किसी को अपना बना लेंगे Admin / Jan 30, 2022 निकले थे इसी आस पे कि किसी को अपना बना लेंगे निकले थे इसी आस पे कि किसी को अपना बना लेंगे , एक ख्वाहिश ने उम्र भर का मुसाफिर बना दिया..... Nikale the isee aas pe ki kisee ko apana bana lenge , Ek khvaahish ne umr bhar ka musaaphir bana diya..... Shayari Musafir Shayari Sad Shayari Umar Shayari