निकले थे इसी आस पे कि किसी को अपना बना लेंगे

निकले थे इसी आस पे कि किसी को अपना बना लेंगे

निकले थे इसी आस पे कि किसी को अपना बना लेंगे ,
एक ख्वाहिश ने उम्र भर का मुसाफिर बना दिया.....


Nikale the isee aas pe ki kisee ko apana bana lenge ,
Ek khvaahish ne umr bhar ka musaaphir bana diya.....