नाराज़ ना होना कभी बस यही एक गुज़ारिश है Rajnish / Jan 31, 2022 नाराज़ ना होना कभी बस यही एक गुज़ारिश है नाराज़ ना होना कभी बस यही एक गुज़ारिश है महकी हुई इन साँसों की साँसों से सिफ़ारिश है। Naaraaz na hona kabhee bas yahee ek guzaarish hai Mahakee huee in saanson kee saanson se sifaarish hai. Shayari Hindi Shayari Saans Shayari