नाज है गुल को नजाकत पै चमन में ऐ जौक

नाज है गुल को नजाकत पै चमन में ऐ जौक

नाज है गुल को नजाकत पै चमन में ऐ ‘जौक’
उसने देखे ही नहीं नाजो-नजाकत वाले !!


Naaz hai gul ko nazaakat pe chaman mein ae Jauk
Usne dekhe hi nahin naazo-nazaakat waale