ना जाने कौन मेरे हक़ में दुआ पढता है

ना जाने कौन मेरे हक़ में दुआ पढता है

ना जाने कौन मेरे हक़ में दुआ पढता है,
डूबता भी हूँ तो समंदर उछाल देता है..


Na jaane kaun mere haq mein dua padhata hai,
Doobata bhee hoon to samandar uchhaal deta hai..