नमाज़ में भी मेरी इश्क़ बाजियाँ ना गई

नमाज़ में भी मेरी इश्क़ बाजियाँ ना गई

नमाज़ में भी मेरी इश्क़ बाजियाँ ना गई,
पढ़ी फिर वहीं आयतें, जिसमें,जिक्र-ए-सनम आया.


Namaaz mein bhee meree ishq baajiyaan na gaee,
Padhee phir vaheen aayaten, jisamen,jikr-e-sanam aaya.