नफरतों की आग में निशाँ ढूंढते है

नफरतों की आग में निशाँ ढूंढते है

नफरतों की आग में निशाँ ढूंढते है

नफरतों की आग में निशाँ ढूंढते है...
राख़ होकर भी धुँआ बन घूमते है...!!


Napharaton kee aag mein nishaan dhoondhate hai...
Raakh hokar bhee dhuna ban ghoomate hai...!!