नज़र घायल जिगर छलनी जुबां पे सौ सौ ताले हैं

नज़र घायल जिगर छलनी जुबां पे सौ सौ ताले हैं

नज़र घायल जिगर छलनी जुबां पे सौ सौ ताले हैं ,
मुहब्बत करने वालों के मुकद्दर भी निराले हैं...


Nazar ghaayal jigar chhalanee jubaan pe sau sau taale hain ,
Muhabbat karane vaalon ke mukaddar bhee niraale hain...