न मंज़िलों को न हम रहगुज़र को देखते हैं Admin / Jan 30, 2022 न मंज़िलों को न हम रहगुज़र को देखते हैं न मंज़िलों को, न हम रहगुज़र को देखते हैं, अजब सफ़र है कि बस हम-सफ़र को देखते हैं... Na manzilon ko, na ham rahaguzar ko dekhate hain, Ajab safar hai ki bas ham-safar ko dekhate hain... Shayari Ham Shayari Love Shayari Manzil Shayari