न कोई जादा, न मंजिल, न रौशनी, न सुराग

न कोई जादा, न मंजिल, न रौशनी, न सुराग

न कोई जादा, न मंजिल, न रौशनी, न सुराग
भटक रही है खलाओं में जिन्दगी मेरी !!

(जादा – रास्ता, पथ; खला – फिजा,अंतरिक्ष, रिक्त)


Na koi jaada, na manzil, na raushani, na suraag
Bhatak rahi hai khalaaon mein zindagi