न उड़ाओ यूं ठोकरों से मेरी खाके-कब्र ज़ालिम Admin / Aug 12, 2021 न उड़ाओ यूं ठोकरों से मेरी खाके-कब्र ज़ालिम न उड़ाओ यूं ठोकरों से मेरी खाके-कब्र ज़ालिम, यही एक रह गई है मेरे प्यार की निशानी। Na Udhaao Yun Thokro Mein Meri Khak-e-Kabr Zalim, Yehi Ek Rah Gayi Hai Mere Pyaar Ki Nishaani. Shayari Maut Shayari Meri Shayari