दौड़ने दो खुले मैदानो मैं नन्ने कदमों को जनाब

दौड़ने दो खुले मैदानो मैं नन्ने कदमों को जनाब

दौड़ने दो खुले मैदानो मैं नन्ने कदमों को जनाब

दौड़ने दो खुले मैदानो मैं नन्ने कदमों को जनाब
ज़िंदगी बहोत भगाती है बचपन गुज़र जाने के बाद


Daudane do khule maidaano main nanne kadamon ko janaab
Zindagee bahot bhagaatee hai bachapan guzar jaane ke baad