दोस्ती का फर्ज इस तरह निभाया जायेँ

दोस्ती का फर्ज इस तरह निभाया जायेँ

दोस्ती का फर्ज इस तरह निभाया जायेँ

दोस्ती का फर्ज इस तरह निभाया जायेँ,
अगर रहीम रहेँ भूँखा तो राम से भी ना खाया जायेँ।


Dostee ka pharj is tarah nibhaaya jaayen,
Agar raheem rahen bhoonkha to raam se bhee na khaaya jaayen.